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हम भूले -दैनिक कविता प्रतियोगिता 27-Mar-2022

कृत्रिमता के भँवर में उलझकर
प्रकृति सुंदरता को हम गए भूल।

दौलत की चकाचौंध में हुए अंधे
अपने गाँव की माटी को गए भूल।

सपनों की दुनिया में खोए इस कदर
जीवन की वास्तविकता देखना भूले।

तकनीक के मायाजाल में यूँ उलझे
खिलौनों को देख मुस्काना भूल गए।

ज़िंदगी में आगे बढ़ते हुए कदमों को
वापस घर की ओर लाना ही भूल गए।

धन-दौलत पाने की अंधाधुंध दौड़ में
लोग बच्चों के संग वक़्त बिताना भूले।

दफ़्तर की मोटी फाइलों में यूँ गुम हुए
संतान के संग बैठ गप्पें लड़ाना भूले।

खाने की टेबल पर बैठे तो साथ-साथ
पर बच्चे परिजनों से बातें करना भूले।

पाश्चात्य संगीत ने डाला ऐसा प्रभाव
वंदेमातरम का महत्त्व हम भूल गए।

जीवन की भाग-दौड़ में हुए मशगूल
साथ मिलकर बोझ उठाना भूल गए।

बड़े-बड़े महलों में रहना तो सीख लिया
पर दिल का सूनापन बाँटना भूल गए।

दुनिया की नजरों में तो बने करोड़पति
पर प्रेम की दौलत को लुटाना भूल गए।

अपने स्वार्थ और लालच में हुए लिप्त
दूसरों की मदद को हाथ बढ़ाना भूले।

बच्चों को लाकर दे दिए महँगे खिलौने
पर नैतिक मूल्य व संस्कार देना भूले।

बच्चों हेतु रखी घर में अच्छी धाय माँ
माँ बन के बच्चों को लोरी सुनाना भूले।

आधुनिकता के प्रवाह में यूँ बहते गए
माता-पिता के आँसू पोंछना भूल गए।

वृद्धाश्रम खुलवा वृद्धों को सहारा दिया
घर के वृद्धों को आश्रय देना भूल गये।

मनोरंजन हेतु पक्षियों को कैद किया
उनसे छीना खुला गगन यह भूल गए।

पढ़-लिखकर गर्व से सर ऐसा उठाया
बड़ों के सामने शीश झुकाना भूल गए।

पेड़ों को काटकर बड़े महल खड़े किए
पर पेड़ लगा के साँसे बचाना हम भूले।

रिश्वत देकर सफलता की सीढ़ियाँ चढ़े
स्वदेश से भ्रष्टाचार मिटाना भूल गये।

शिक्षा पाकर विदेश की ओर रुख किया
अपने देश में साक्षरता लाना भूल गए।

धन के बल पर चाटुकार तो पाल लिए
सदा साथ निभाने वाला मित्र भूल गए।

नफरत, ईर्ष्या-द्वेष भाव तो सीख लिया
जीवन में प्रेम की नैया बहाना भूल गए।

मानव इससे पहले हो जाए बहुत देर
याद कर लो अपने भूले कर्त्तव्य सारे
अपने दिल से मिटा दो सारी तेर-मेर
बनाओ सबको अपना रहे न कोई गैर। 

                   डॉ. अर्पिता अग्रवाल

   17
17 Comments

Ayaansh Goyal

28-Mar-2022 11:42 PM

बहुत खूब 👌🏻👌🏻

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Shilpa modi

28-Mar-2022 01:45 PM

शानदार सटीक रचना।

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Dr. Arpita Agrawal

28-Mar-2022 02:19 PM

हार्दिक आभार शिल्पा जी 😊😊

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Renu Singh"Radhe "

28-Mar-2022 01:01 PM

बहुत सुंदर रचना 💐💐👌🏻

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Dr. Arpita Agrawal

28-Mar-2022 02:18 PM

शुक्रिया रेनू जी 😊😊

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